कलेक्टोरेट से आधा किमी दूरी पर स्थित बड़े झाड़ की सरकारी जमीन बाहरी लोगों को डोंगरी पंचायत के प्रतिनिधि बेच रहे हैं। पंच द्वारा काबिज जमीन के बिक्रीनामे के बाद पैसे लेते उपसरपंच आरती ध्रुव का वीडियो वायरल हुआ है। पिछले 8 साल में 40 लोगों को सरकारी जमीन बेच दी है। इस खरीद फरोख्त में 10 से ज्यादा सरकारी कर्मी भी शामिल हैं। जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कलेक्टर आकाश छिकारा ने शनिवार को एसडीएम भूपेंद्र साहू को तलब किया। जिसके बाद साहू ने तहसीलदार पोर्ते को जांच का जिम्मा सौंपा है। एसडीएम ने बताया कि जांच प्रतिवेदन आने के बाद मामले में समुचित कार्रवाई की जाएगी। संबंधितों से पूछताछ के साथ ही वीडियो क्लिप की भी जांच की जा रही है।
दर्रापारा, डोंगरी पंचायत के केशोडार हल्का के इसी दर्रापारा के खसरा नंबर 27/1, खसरा नंबर 50 और 51 में करीब 20 हेक्टेयर यानि लगभग 40 से 50 एकड़ बड़े झाड़ के नाम पर शासकीय जमीन मौजूद है। इसमे से आधी जमीन पर बस्ती बस गई है। वायरल वीडियो में इसी शासकीय जमीन के बिक्रीनामे के बाद खरीदारों से महिला उपसरपंच कुछ रुपए लेते दिखाई दे रही है। पास कुछ पंच भी मौजूद हैं। खरीदार कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि जमीन 1 लाख 40 हजार में बेची गई है, जिसमें एडवांस के तौर पर 1 लाख दिया जा रहा है। बाकी 40 हजार बाउंड्री निर्माण शुरू होने के बाद दिया जाएगा। पंचायत से प्रस्ताव पारित होने व अभिलेख में नाम दर्ज होने के बाद बाकी बचत व अन्य रकम देने की बात कही जा रही है। महिला उपसरपंच ने अपनी सफाई देते हुए आरंभिक जांच में गए राजस्व अमल से कहा है कि जमीन पर वार्ड 8 के पंच वासुराम गोड का कब्जा था, जिसे गोबरा नवापारा की वंदना निषाद को बेचा है। मैं केवल गवाह थी। बिक्री नाम के लिए इस्तेमाल 50 रुपए के स्टाम्प को भी दिखाया गया हैं। स्टॉम्प में इकरार नामे की तारीख 10 अप्रैल 2023 दर्शाई गई है।